मेरे बड़े बाबा व लट्ठ वाले बाबा (मांगें सिंह लंबरदार)के आशीर्वाद से, मेरे पूज्यनीय स्वर्गीय पिता जी स्वर्गीय श्री निरपत सिंह सिकरवार की असीम अनुकम्पा से शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय (सन १९८५) से कार्यरत हूं और आशा करता हूं कि आगे आने वाली मेरी सभी पीढ़ियां भी समाज को शिक्षित करने में पूर्ण योगदान देंगी |
मेरा उद्देश्य न केवल शिक्षा को बढ़ावा देना अपितु हर प्रकार के व्यक्तित्व को नई ऊर्जा देना है |
अब शिक्षा के साथ साथ मेरी नई पहल समाज के सभी वर्ग के गरीब,असहाय, मजदूर व किसानों को फ्री चिकित्सा देना होगा |